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Gigolo Job & Gigolo Service in New Delhi | Gurgaon| whatsapp call me 08595897440 | PlayBoy Club & PlayBoy Job Service in New Delhi | Gurgaon | Noida | शादीशुदा जोड़े की संतानोत्पत्ति में मदद की- 2

सेक्स सैटिस्फैक्शन स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मैंने एक शादीशुदा लड़की को सेक्स में मजा क्या होता है, वो बताया. उसे पता ही नहीं था कि सेक्स में इतना मजा मिलता है. अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा कामवासना भरा नमस्कार. आप मेरी इस गरम सेक्स कहानी के पहले भाग प्यासी भाभी को चुदाई का मजा ना मिला में पढ़ रहे थे कि मैं सपना चौधरी जैसी माल मीनू को अपने बाजू में लिटा कर उसके मस्त जिस्म का दीदार कर रहा था. अब आगे सेक्स सैटिस्फैक्शन स्टोरी: मीनू की झांटों भरी चूत की क्लिट ऐसी, जैसे उभरा हुआ मोती. मेरा लंड उसे देख कर हिलोरें जैसी मारे जा रहा था. लंड चूत को फाड़ कर उसमें से उसका मूत निकाल देगा, ऐसा तन्ना रहा था. दोस्तो … मीठी सी आस में सहला लो चूत. क्योंकि इस कहानी के जरिए बिना लंड के फटने वाली है चूत. अब बिना देरी के वासना



 का चरम सुख के बारे में बताता हूं. Gigolo Job & Gigolo Service in New Delhi | Gurgaon| whatsapp call me 08595897440 | PlayBoy Club & PlayBoy Job Service in New Delhi | Gurgaon | Noida मीनू जालीदार पैंटी और ब्रा में मेरे बाजू में लेट गई. मैं भी घुटनों तक का कच्छा पहन कर उसके बाईं ओर लेट गया. मैं- तुम्हें इतनी जल्दी थकान क्यों हो गई? तुम्हारा मन नहीं करता कि कोई तुम्हें निचोड़ कर चरम सुख दे? मीनू- पति के सामने मुझे शर्मिन्दगी महसूस हो रही थी. मेरी बस कोख भरवा दो, कैसे भी करो मुझे माँ बना दो. मैं- तुम्हारी सुई कोख भरने पर ही क्यों टिक जाती है, कभी जिस्म की जरूरतों को समझा है? इतने में मैंने एक हाथ उसके पटों के बीच फंसा दिया था और उसकी कमर के ऊपर जमा कर उसकी गर्दन को लंबी लम्बी सांसों के साथ महसूस करने लगा था. उसके होंठों के पास होंठ रख कर पीछे को खींच रहा था. अब उसकी सांसें भारी होने लगी थीं और चूचों में भारीपन उसके जिस्म में कठोरता ला रहे थे. इतने में मैंने अपनी एक टांग उठा कर उसकी कूल्हों के ऊपर टिका कर उसकी कमर को अपनी ओर ले लिया. मीनू- तुम्हारे हाथ बहुत कठोर हैं. वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुराई और एक हाथ मेरी पीठ पर रखते हुए मेरी छाती पर अपने होंठों से चूमने लगी. मैं उसके बालों में हाथ सहलाने लगा. मेरे हाथों की रफ़्तार उसकी ब्रा में कैद चूचों पर इस तरह दौड़ने लगी, जैसे बच्चे को निप्पल से दूध पीने की ललक हो मैं अपने दांतों से उसकी ब्रा की स्ट्रिप को तान रहा था और उसके चूतड़ों के ऊपर हाथ से सहलाते हुए उसकी पैंटी की इलास्टिक में घुसेड़ने की कोशिश कर रहा था. पैंटी में हाथ फंसा कर चुत तक अपना हाथ ले जाने का प्रयास कर रहा था. पर वो अपनी गांड उचका कर मेरे हाथ को पीछे कर दे रही थी. जोश में मैंने अपना सिर जोर से चूचों में मारते हुए निप्पल को मुँह में भरा, तो उसकी ब्रा का आगे का बक्कल टूट गया. मैंने अपनी नाक से चूचों के बीच में तबाही सी मचा दी और चुत को मुट्ठी में भींच लिया. उसकी सांसें चढ़ गईं और वो मछली की तरह तड़पती हुई ‘म्ह्ह ह्ह्ह …’ की सिसकारी के साथ अपने दांतों को मेरी छाती में गड़ाने लगी. अब उसने मेरे लंड को टट्टों के साथ खेलना शुरू कर दिया. मेरे टट्टों को जोर से दबाते हुए वो उन्हें सहलाने लगी और अपने पैरों को जोर से मेरे पैरों के बीच में फंसा कर मुझसे लिपट गई. मेरा घुटना उसकी चुत के मुँह पर लगे, तो पता चला गर्म भट्टी में तो चाशनी टपक रही थी. मेरे हाथों की उंगलियां, उसकी पैंटी को कुरेदते हुए जाली पर अटक गईं. मैंने उसे खींचा तो उसने हाथ पकड़ लिया. पर तब तक पैंटी दो हिस्सों में उसकी जांघों में लटक चुकी थी. अब मैंने उसकी रसीली चूत के नीचे से हाथ घुसा कर चूतड़ों के नीचे दबाते हुए उसे अपने ऊपर उठा लिया. मैं अपने दांतों से उसकी पैंटी को उतारने लगा. वो इतनी ज्यादा गर्मा गई थी कि पिचकारी मारती हुई मेरे बालों में झड़ गई. मैंने अपनी जीभ उसकी क्लिट पर लगा दी. उसकी चूत का हिस्सा पूरा मुँह में भर लिया. झड़ने से वो थक गई थी और पस्त पड़ गई थी. मेरे खड़े लंड पर लात सी लगाती हुई नजर आ रही थी. और हुआ भी वही. वो थक कर मेरी छाती के ऊपर ही लेट गई. मैंने उसकी गांड के ऊपर खूब मसला, चूत पर भी खूब उंगलियां रगड़ीं, पर वो टस से मस नहीं हुई. फिर मैं उसे साइड में लिटा कर उसकी जांघों के बीच में ही लंड फंसा कर सो गया. सुबह जब अंकित आया तो हम दोनों को एकदम टाइट चिपके हुए, वो भी नंगे हालत में … सीन देख कर उसने थोड़ा सोचा कि गेम हो गया. फिर उसने हम दोनों को जगाने का प्रयास किया. लंड का मुंड ऐसा टाइट हुआ पड़ा था कि जैसे चुत को फाड़ ही देगा, पर नायिका के मूड का अंदाजा न होने की वजह से उसे सहला कर अन्दर कर लिया गया. फिर मेरी नायिका भी उठ गई थी और सब फ्रेश होने की दिनचर्या में व्यस्त हो गए. अब मीनू किचन में थी और अंकित उसके काम में हाथ बंटा रहा था. मैं मधु के सिर की मालिश करने उसके कमरे में ही चला गया और मालिश करके हम दोनों कुछ साधारण बात करने लगे. फिर वो पढ़ने लगी. मैं बाहर आकर सीधे मीनू की गांड से सटा कर अपना लंड रगड़ने लगा. अंकित-



 क्यों रात में मन नहीं भरा क्या? मैं- तुम्हारी बेगम साहिबा ने बल्लेबाजी करने ही कहां दी. वो चौंका. तो मैंने रात की सारी बात उसे बतायी और मीनू की चूची के एक निप्पल को पीछे से मसलने लगा. Gigolo Job & Gigolo Service in New Delhi | Gurgaon| whatsapp call me 08595897440 | PlayBoy Club & PlayBoy Job Service in New Delhi | Gurgaon | Noida मीनू- बस पांच मिनट दो, फिर साथ में नहाते हैं. अंकित- हां मैं भी. मैं मीनू की गहरी नाभि पर उसके कमर के तिल पर अपने दांतों को गड़ाते हुए उसे गर्दन पर चूम कर अपने रूम में चला गया. दस मिनट बाद मीनू और अंकित दोनों कमरे में आए और कमरे में घुसते ही मीनू ने साड़ी उतार दी. इतने में अंकित ने पेटीकोट का नाड़ा तोड़ दिया. मीनू- प्लीज आज ये कपड़े मत फाड़ो, मैं उतार रही हूँ न! मैंने उसके हाथ मोड़ कर होंठों पर होंठों को रखा और बाथरूम के दरवाजे से सटा कर उसकी ब्रा के हुक में अपने दांत फंसा दिए. दांतों को ऊपर करके अंकित ने ब्रा आगे को खींच ली तो ब्रा उतर गई. नीचे अंकित दांत गड़ा चुका था. मैंने पीछे से ऊपर से ही लंड गाड़ दिया. उधर उसने थूक की रपट करते हुए पैंटी उतार दी. मैंने उसे पीछे से गोद में उठा लिया और अंकित नीचे से उठते वक़्त मीनू की टांगों के बीच में गर्दन फंसा कर उठने लगा. अचानक हुए इस दो तरफा हमले से की वजह से मीनू का सारा वजन मेरे ऊपर आ गया. अब हम दोनों उसे बाथरूम में अन्दर ले गए. अंकित उसे चुम्मी लेते हुए साबुन लगाने लगा, पानी चला कर उसे गीला करने लगा. पर मैं उसकी चुत और टांगों को चूसना चाहता था. मैं बाथरूम में से बाहर आया और फ्रिज से आइस और झांटों की सफाई करने का सामान लेकर वापस बाथरूम में आ गया. मैंने मीनू को बाथरूम में ही नीचे लिटा दिया और अंकित से बोला कि वो सर की तरफ खड़े होकर मीनू की टांग पकड़ ले. उसने जैसे ही टांगों को ऊपर किया तो वी-शेप में झांटों की कटिंग करने का इशारा किया. मीनू ने टांगों को ऊपर से चौड़ा दिया, तो मैंने चुत पर क्रीम लगाकर पूरी तरह से फोम बनाया और रेजर से उसकी चूत के होंठों को पकड़ कर झांटें साफ़ करना शुरू कर दिया. चुत पर ब्लेड की धार से बालों की सफाई चालू हो गई. फिर मैंने चुत की क्लिट को पकड़ कर ऊपर किया और गांड के छेद तक चुत को चिकना बना दिया. इसके बाद मैंने मीनू की गांड के छेद में एक बर्फ का टुकड़ा फंसा दिया, जिससे वो कुलबुलाने लगी. मैं चूत को मुट्ठी में जकड़ कर ऊपर के बाल नाभि तक साफ़ करने लगा. फिर अंकित ने टांग नीचे कर दी और पानी से साफ़ कर दिया. इतने में मैंने जाकर वैक्स गरम कर लिया और चूत के होंठों से लेकर गांड के छेद तक वैक्स लगकर पट्टे से सारे बाल निकाल दिए, जो छोटे छोटे भी बचे थे, वो सब साफ़ हो गए थे. अब मैंने मीनू को वहीं लिटा कर उसकी टांग, पेट और हाथ सब पर वैक्स कर दिया. पूरे बाथरूम में बाल ही बाल हो चुके थे, तो मैंने अंकित से साफ़ करने को कहा. तब तक हम दोनों चूची और चूत से अठखेलियां करते हुए नहा रहे थे. इतने में साफ़ सफाई करके अंकित पीछे से और मैं आगे से, साफ करके उसकी जांघों को चूमने लगे. अंकित पीछे से मीनू की चूचियों को भींच भींच कर मसल रहा था. मीनू ‘म्ह्ह ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह्ह …



’ करती हुई मचल रही थी. करीब बीस मिनट तक नहाने के बाद मैंने नीचे से टॉवल से पानी को पौंछ कर साफ़ किया और ऊपर से अंकित ने उसे सुखा दिया. फिर मीनू ने कसा हुआ सूट पहना और किचन में चली गई. कुछ देर बाद उसने सबके लिए खाना लगा दिया. मधु भी आ गई और सबने खाना खाया. फिर अंकित मीनू को कुछ कपड़े दिलवाने उसे अपने साथ ले गया. मैंने खाना खाकर कुछ देर मधु से टाइम पास किया और बिस्तर पर लेट गया. मुझे आज रात मस्ती करने की सूझी थी तो मैंने अंकित को एक बड़ा पैकेट क्रीम, लिक्विड चॉकलेट और स्ट्रॉबेरी लाने को मैसेज कर दिया. फिर कॉल करके मैसेज देखने को कह दिया. अब आगे की कहानी मीनू की जुबानी. सभी को मेरे जिस्म की मादक खुशबू से प्रणाम. अब हम दोनों मार्केट में आ चुके थे. मैं और अंकित एक मॉल में आ गए. अब तक अंकित उर्फ मेरे पति का बदलाव वैसा ही हो गया था, जैसे शादी के बाद जोश था. मुझे ऐसा लग रहा था कि बूढ़ा शेर भी शिकार करने को पंजा फंसा रहा है. पर अनिकेत ने लंड की पिचकारी मारने के लिए बिल्कुल मना किया हुआ था तो असहाय की तरह अंकित अपना लंड मसोस कर रहे जा रहा था. मॉल में अंकित कभी मेरे कंधे पर हाथ रखता तो कभी मेरी गांड पर हाथ फिराते हुए मजा लेता. कुछ ही देर में हम दोनों ने घर का सामान ले लिया. फिर पैंटी ब्रा के चार सैट वीडियो कॉल पर अनिकेत को दिखा कर फाइनल किए. फिर कुछ और कपड़े लेकर हम दोनों लोग बाहर खाने आ गए. मुझे बिठा कर अंकित पांच मिनट का कहकर बाहर चला गया. जब आया तो वो एक बड़े से थैला में कुछ सामान लेकर आया था. मैंने पूछा, तो उसने बताने से मना कर दिया. मैंने भी जोर डालना जरूरी नहीं समझा. अब रात सी हो आयी थी तो हमने अनिकेत और मधु के लिए खाना यहीं से पैक करा लिया और घर के लिए निकल पड़े. मैं अपनी चिकनी जांघों और मदमस्त कमर और मटकते हुए कूल्हों पर पानी डालकर नहाकर आयी. तब तक अंकित ने सबको खाना खिला दिया था. मैं तैयार होकर आज अपने कमरे में बैठी ही थी कि अंकित और अनिकेत दोनों आ गए. आते ही दोनों आदमजात नंगे होने लगे. आज मुझे लग रहा था कि उनके लंड मेरे जिस्म के हर अंग को खाने को दौड़ रहे हों. मैं दो घंटे में सज संवर की तैयार हुई थी. मगर उन दोनों ने चार मिनट में मुझे उधेड़ सा दिया. मुझे बेड पर लिटा दिया और अंकित ने मेरी आंखों में पट्टी बांध दी और मुझे लिटा दिया. मैं टांगें खोल कर पड़ी थी. मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि कोई मेरे पैरों को चूस रहा है. मेरी पिंडलियों को पकड़ कर पैरों की उंगलियों को चूस रहा है. मैं कसमसाने लगी. तभी मेरे कान के नीचे मुझे बहुत ठंडा सा लगा जो शायद अपने मुँह में आइस क्यूब दबा के मेरी गर्दन और कान को चूस रहा था. अचानक बहुत चिपचिपा सा मेरे चूचों पर बहुत ऊपर से डाला गया तो मैंने उठने की कोशिश की. पर उन दोनों की पकड़ इतनी मजबूत थी कि मैं हिल भी नहीं पायी. अब मुझे नीचे और ऊपर और बगल हर जगह से चूमने और चूसने की लड़ी सी लग गई थी. मेरे पेट में गुदगुदाहट से मेरी चूत फटी ही जा रही थी. तभी मुझे अंकित के जिस्म का अहसास हुआ. उसने मेरे हाथ को पीछे किया और अपनी टांगों के बीच में फंसा कर बैठ गया जिससे उसका लंड मेरे मुँह में समाने लगा. अब नीचे मेरी चूत पर बहुत सारी क्रीम डाली गई और साइड से चॉकलेट क्रीम और ऊपर स्ट्रॉबेरी लगा कर मेरी आंख की पट्टी को खोला गया. मैं तो मानो बेहोश सी हो गई थी. नीचे से मैं पूरी तरह सुन्न हो चुकी थी और अपनी चूत पर केक देख कर मैं बहुत खुश हो गई. ऐसा मेरी लाइफ में पहला मौका था कि मेरी चूत का रस अपने आप बह रहा था, जिसे मैं रोक नहीं पा रही थी. मैं बहुत तेजी से पिचकारी मारना चाहती थी पर मैं मार ही नहीं पा रही थी. Gigolo Job & Gigolo Service in New Delhi | Gurgaon| whatsapp call me 08595897440 | PlayBoy Club & PlayBoy Job Service in New Delhi | Gurgaon | Noida वो दोनों साइड से मेरी चूत में दांत गाड़ने लगे और खरोंच खरोंच कर जीभ से चूत को चाटने लगे. अनिकेत ने एक बड़ा सा हिस्सा मुँह में फंसा कर मेरे होंठों में दबा दिया और होंठ चूसने के साथ मेरी चूत में उंगली चलानी शुरू कर दी. अंकित साइड में जाकर बैठ चुका था तो मुझे भी समझ आ गया था कि आज मेरी भट्टी अन्दर तक उधेड़ दी जाएगी. अनिकेत और मैं एक दूसरे के अन्दर जीभ चला चला कर होंठों को चूस रहे थे. तभी अनिकेत ने मुझे खड़ा किया और दीवार से टिका कर मेरी गांड पर थप्पड़ मारने लगा. मैं- ओह्ह आह साले गांड फाड़ कर मानेगा क्या … अह्हम्म … धीरे प्लीज. पर वो तो पागल हो चुका था. उसने मेरे बाल पकड़ कर मुझे पीछे की ओर खींचा और मेरी कमर पकड़ ली. वो अपने लंड के टोपे को मेरी चूत के होंठों के बीच लहराने लगा और मेरा रुका हुआ बांध फूट पड़ा. नीचे में पानी पानी हो गई और मैं झड़ने के साथ निढाल हो गई मानो शरीर में से जान निकल गई हो. उसने मुझे बांहों में भर के सीधा कर दिया. मेरी चूत में अपनी उंगलियों को वो इस तरह से चला रहा था कि मुझे बहुत ठंडा लग रहा था. कुछ देर बाद मैं भी उसके लंड को एक हाथ से सहलाती हुई उसकी छाती पर चूम रही थी. वो और मैं अब बेशर्मी पर उतर चुके थे. उसने मेरे मुँह में क्रीम लगा दी और चूसने लगा. मेरे नीचे के होंठ को दांतों में भर कर तान सा लिया और अपने लंड पर लिक्विड चॉकलेट लगा कर उसे पूरी तरह से ढक दिया. फिर वो बेड के किनारे पर टांग पसार कर बैठ गया. मैं नीचे घुटने के बल बैठ कर लंड चूसने लगी. मैंने पहले कभी लंड नहीं चूसा था पर मुझे इस लंड को अन्दर लेने का इतना जोश चढ़ चुका था कि मेरी बेताबी मेरी टपकती लार उस लंड पर बयां कर रही थी. उसने दो मिनट ही लंड के टोपे को चुसाया होगा कि फिर अचानक से मेरी गर्दन पकड़ कर मेरे गले में लंड ठूँस दिया. उसका रस आने लगा और मैं वीर्य की हर बूंद के साथ गले में लंड सूतने लगी. तभी उसने मेरी नाक बंद कर दी. मुझे सांस नहीं आ रही थी तो मैं उसकी छाती पर पूरी ताकत से जोर जोर से थप्पड़ मारने लगी थी. पर सब बेअसर हुआ. फिर तीस सेकंड बाद उसने मेरी नाक को खोला तो मैंने मुँह से लंड निकाला और राहत की लंबी सी सांस ली. मैं उठ ही रही थी कि अंकित ने अनिकेत का लंड फिर से मेरे मुँह में दे दिया और मेरे चूचों को दबाने लगा. मेरी सहने की क्षमता अब खत्म हो चुकी थी. मेरी चूत भट्टी की तरह आग का गोला बन चुकी थी. मैंने एक कंडोम का पैकेट फाड़ा और अनिकेत के लंड पर अपने मुँह से चढ़ाने लगी. खुद उसकी छाती पर हाथ फिराती हुई चूसने लगी. फिर मैं खड़ी हुई ही थी कि उसने मुझे दीवार से सटा दिया और मेरा हाथ ऊपर हैंगर की ग्रिल पर बांध दिया. अब वो मेरी चूत पर अपने होंठ से थूक लगा कर उसे चिकना करने लगा. फिर उसने लंड को जैसे ही चुत में लगाया तो मानो मेरे जिस्म




 में बिजली सी दौड़ पड़ी और मैं अपनी गांड मटकाने लगी कि कैसे भी ये लंड मेरी चूत की गहरायी में उतर जाए. पर वो गांड पर थप्पड़ मारते हुए मेरी चूत में बस अपना टोपा फंसाता और लंड को फिरा कर बाहर निकाल लेता. मैं बेबसी में रोने लगी क्योंकि मैं अपने आपे से बाहर हो चुकी थी. मैंने अपनी टांग उठा कर उसकी कमर पर कस दी. अब उसे भी जोश आया और उसने एक टांग कंधे पर रखवा ली और सट की आवाज के साथ तीन झटकों में अपना पूरा लंड मेरे बच्चेदानी के मुँह पर ठूँस दिया. मैं एकदम से अकड़ गई और उसके ऊपर गिर गई. वो मेरे कान की लौ को चूमता हुआ मेरे चूचों को मसल रहा था और नीचे से हल्के हल्के झटके मार कर मेरी चुत को कुरेद रहा था. मुझे अन्दर तक ऐसा महसूस हो रहा था मानो कोई गर्म खुरदरा हथियार मेरे अन्दर फंसा दिया गया हो क्योंकि लंड की नसें फूल कर मेरी चुत को कुरेद रही थीं. वो अहसास मुझे मेरी चूत के अन्दर काफी उत्तेजना दे रहा था. मैं जोर जोर से कमर से झटके लेती हुई अपनी गांड उचकाने लगी तो अनिकेत ने मेरे हाथ खोल दिए और मेरी गांड के नीचे हाथ का झूला सा बना कर मेरी दोनों टांगें अपने कंधे पर रखवा लीं. फिर उसने धकापेल शुरू कर दी. करीब एक मिनट में बीस झटके बिना सांस लिए मेरी चूत में उतार दिए. मेरी चूत से खून के साथ गाढ़ा पानी उसके लंड पर फ़ट पड़ा और मैं अपनी गर्दन नीचे को करके लटक गई. मैं निचुड़ सी गई थी पर लंड मेरी चूत में रुकने का नाम नहीं ले रहा था. अनिकेत मुझे बिस्तर पर पटक कर मेरी गांड को उचका कर मेरी चूत में झटके दिए जा रहा था. मैं मछली की तरह ‘मह्ह्ह आह्ह्ह ह्ह …’ करती हुई चुदवा रही थी. वो मेरी क्लिट पर लंड रगड़ने लगा और कंडोम को खींच कर अलग कर दिया. उसका लंड फव्वारे मारने लगा. उसने मेरे चूचों के बीच लंड का माल गिरा दिया. हम दोनों ही काफी लम्बी मशक्कत के बाद अलग हुए तो अंकित का लंड भी खड़ा होकर मेरी चूत का स्वाद लेना चाहता था पर एक अच्छे वीर्य के लिए उसकी डाइट और लंड को फिट रखना जरूरी था. आगे की सेक्स कहानी अनिकेत की जुबानी ही लिखी जाएगी. इस भाग से विदा लेने से पहले मैं कहना चाहूँगी कि मर्दाना जोर हर किसी में नहीं होता. लंड खाने का शौक हर किसी की किस्मत में नहीं होता. कुछ पल चूत में पुच पुच करने को सेक्स नहीं कहते, जो निचोड़ दे अंग अंग, ऐसा मर्द हर किसी के नसीब में नहीं होता. उम्मीद है आपको मेरी लेखनी पसन्द आयी होगी. आगे हमने क्या किया, ये सेक्स कहानी के अगले भाग में पता चलेगा. Gigolo Job & Gigolo Service in New Delhi | Gurgaon| whatsapp call me 08595897440 | PlayBoy Club & PlayBoy Job Service in New Delhi | Gurgaon | Noida किस तरह अंकित बाप बना, ये भी लिखा जाएगा. अपना मूल्यवान समय निकालकर सेक्स सैटिस्फैक्शन स्टोरी पर टिप्पणी जरूर कीजिए. नीचे कमेंट में और अन्य किसी संदर्भ के लिए मुझे मेरी आईडी पर मैसेज करें. Gigolo Job & Gigolo Service in New Delhi | Gurgaon| whatsapp call me 08595897440 | PlayBoy Club & PlayBoy Job Service in New Delhi | Gurgaon | Noida



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    👉 सरवीशमे पुरी सेप्टि या सूरक्षा ओर गुप्त रखी जायेगी।
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